अधिकांश लोग इसी भूल-भुलैया में पड़े रहते हैं कि इस जीवन का क्या अर्थ है और इसका क्या उद्देश्य होना चाहिए l यह एक बहुत ही जटिल एवं व्यक्तिगत विषय है...
र्धर्म ने वास्तव में लोगों को आश्वस्त किया है कि आकाश में रहने वाला एक अदृश्य व्यक्ति है जो आपके द्वारा किए जाने वाले हर काम को हर दिन, हर मिनट देखता है।
यह साधारण तथ्य है कि जीवन के सभी रूप मृत्यु में समाप्त हो जाते हैं और जिन तत्वों से उनकी रचना होती है, उन्हीं में वापस मिल जाते हैं I
यद्यपि धर्मों के विश्वासों, मान्यताओं और उनके अनुयायियों के व्यवहार से मानव समाज को कुछ लाभ भी होते हैं , किन्तु उनमें ऐसा कुछ भी नहीं है...
मानवतावाद जीवन का एक प्रगतिशील दर्शन है, जो अलौकिकता के बिना, व्यक्तिगत पूर्णता के नैतिक जीवन का नेतृत्व करने की हमारी क्षमता...
(श्री अर्पित द्विवेदी की फेसबुक वाल से)
आजकल धार्मिक लोगों में एक नया ट्रेंड चला है खुद को आध्यात्मिक कहने का।